Gaus Paak Pak Ki Karamat गौस पाक की करामत
असलामु अलैकुम आज हम hajrat Gaus Paak Pak Ki Karamat गौस पाक की करामत को जानेगे की gaus pak ने अपने जिन्दगी मे कोण कोनसे करामात और मोजजात किये और हमरे लिए अल्लाह ताला का पैगाम और इबारत की निशानिया छोड़ गए आज हम shaikh abdul qadir jilani यानि Gaus pak आका के बारे मे तफ़्सीर से जानेगे ।
GausPak Ki Karamat बेशुमार हैं, आज हम आपको क़ुरानो हदीस के रोधनी मे आपको Gaus paak की करंतो और मोजजातो मे से कुछ बहोत ही मशहूर रो मारूफ wakiyat आपके सामने रखे ने और इसे हमें एक सबक और इबरत भी मिलेगी अल्लाह पाक के बर्गज़ीदा बन्दों को अल्लाह ताला किन किन नेमतों से नवाजता है आइये हम इस पोस्ट मे देखते है और Gaus pak के बारे मे जानने की कोशिश करते है ।
1. Gaus pak ki viladat | गौस पाक की पैदाइश

सरकार गौसुल आजम Gaus Azam दस्तफिर रहमतुल्लाह अलेह की विलादत माहे रामजानुल मुबारक में हुई और पहले दिन ही रोज़ रखा, सेहरी से ले कर इफ्तार तक गाँस पाक Hazrat Ghous Pak अपनी वालिदा ए मोहतरमा का दूध नहीं पिते थे।इस्लिये गौस सकलैन हजरत शेख अब्दुलकादि र जिलानी रहमतुल्लाह अलैहा की वालिदा ए मजीद फरमाती हैं की,जब मेरा फर्जन abdul qadir jilani पैदा हुआ तो रमज़ान शरीफ़ में दिन भर दूध नहीं पिता था। जब मगरिब की अज़ान होती थी तब दूध पिने के लिए आते थे । ऐसे करते हुवे gause aazam ने पुरे महीने के रोजे रखे थे इससे हम गॉस पाक का एक मोज़ज़ा ही कहेंगे ।
जब गौस पाक माँ की गोद मे ही अल्लाह को राज़ी करने रोजे रखते थे । ालः हमें भी तौफीक अत फरमाए की हम भी अपने रब को राज़ी करने के लिए अल्लाह के सामने सजदा रेज़ होये ।
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2.डाकू को बनाया कुतुबो अब्दाल
abdul qadir jilani vakiya

Gaus Paak फरमाते हैं। मेरे हाथ पर 500 से ज्यादा यहुदियो और इसाइयो ने इस्लाम काबुल किया और एक लाख से ज्यादा डाकु, चोर, फुस्सको फजर, फसादी और बिद्दती लोगो ने तोबा की।
हुज़ूर गौसे आजम Gaus Azam फरमाते हैं। जब मैं इल्मे दिन हासिल करने के लिए जिलान से बगदाद काफिले के साथ रवाना हुआ,और चंद हमदान से आगे पाहुचा तो 60 डाकु कफिले पर टूट पढ़े और सारा कफिला लुट लिया लेकिन किसी ने मुझ पर तवजु ना किया, बाद में एक डाकू मेरे पास आ कर पूछने लगा। ऐ लड़के तुम्हारे पास भी कुछ हैं? मैंने जवाब में कहा हा डाकू ने कहा: क्या है? मैने कहा : 40 दिनार । उसने पूछा: कहा है ? मैने कहा कपड़ो के अंदर (गुदाही) के निचे ।डाकू इस बात को मजाक समझ चला गया, इस्के बाद दूसरा डाकू आया और उसे भी इस तरह के सुवालात किया, और मैंने यही जवाब उसे भी दिए और वो भी इसी तरह मजाक समझ कर चलता बना, जब डाकु अपने सरदार के पास जमा हुए तो अपने सरदार को मेरे (गौस पाक Hazrat Gaus Pak) बारे में बताया तो सरदार ने मुझे लेन का हुक्म दिया , वो मालकी तकसीम करने में मसरूर थे,
डाकुओ का सरदार मुझ से पूछा की तुम्हारे पास क्या है? मैने कहा 40 दिनार हैं। डाकुओ के सरदार ने डाकुओ को हुकुम देते हुए कहा इसकी तलाशी लो। तलाशी लेने पर सचाई का इजहार हुआ तो उसके ताजुब से सुवाल किया की तुम्हें सच बोलने पर किसी चिज ने आमदा किया? मैंने कहा वलिदे मजीद की नसीहत ने। सरदार बोला वो नसीहत क्या है?
मैंने कहा मेरी वलिदे मोहतर्मा ने मुछे हमेश सच बोलने की बात फरमाई थी और मैंने उनसे वादा किया था की सच बोलूंगा। तो डाकुओ का सरदार रो कर कहने लगा ये बच्चा अपनी मां से हुए वादे से मुनहरिफ नहीं हुआ,और मैंने सारी उमर अपने रब से किए हुए वादे के खिलाफ गुजर दी हैं । उसी वक्त वो उन 60 डाकु समेत हाथ पर तौबा हुआ और काफिले का लुटा हुआ माल वापस कर दिया।
(गौस पाक के हालात, सफह 38-39)
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3.हज़रत गौस पाक ऊँगली मुबारक की करामत
Gaus Paak Pak Ki Karamat in hindi

एक मरतबा रात में सरकारे बगदाद अब्दुल कादिर जिलानी abdul qadir jilani रहमतुल्लाह अलेह के हमरा शेख अहमद रिफाई, और अदि बिन मुसाफिर रहमतुल्लाह अलैह, हज़रत इमाम अहमद बिन हम्बल रहमतुल्ला अलेह के मज़ारे पुर अनवर की ज़िरयात के लिए तशरीफ़ ले गए। मगर हमें वक्त अँधेरे बहुत ज्यादा था हज़रते गौसे आज़म Gaus Azam रहमतुल्लाह अलेह उनके आगे आगे थे,गौस पाक Gaus Paak जब किसी पत्थर, लकड़ी, दिवार या कबर के पास से गुज़रते तो गौस पाक Gaus Paak हाथ से इरशाद फरमाते, तो उस वक़्त गौस पाक Gause Paak का हाथ मुबारक चांद की तरहा रोशन हो जाता था।
और इस तरह वो सब हज़रत गौस पाक Gause Paak के मुबारक हाथ की रोशनी के जरिये हज़रते इमाम अहमद बिन हम्बल रहमतुल्ला अलेह के मज़ारे मुबारक तक पहुच गए।
(गौस पाक के हालात, सफह 41 )
4.अल्लाह का ग़ौस पाक से वादा
Gaus Paak Pak Ki Karamat in_hindi

हुजूर गौस आजम Gaus Azam रहमतुल्लाह अलैह फरमाते हैं। मेरे परवर दीगर ने मूछ से वादा फरमाया है। की जो मुसलमान तुम्हारे मदरसे के दरवाजे से गुजरेगा उनके अजब में तखफिफ फरमाउंगा। मदरसे के करीब से गुजरे वाले की बख्शीश एक शख्स ने खिदमत अकदस में हजीर हो कर अर्ज़ की, फूला कब्रिस्तान में एक शख्स दफन किया गया है जिस का हाल ही में इंतेकल हुआ है। उनकी कबर से चिखने की आवाज आती है जैसे अजाब में मुबतिला है।
हुजूर गौस पाक Gause Paak इरशाद फरमाते हैं क्या वो हम से बैत हैं? अर्ज़ की: मालुम नहीं। फरमाया: हमारे यहाँ के आने वालो में था? अर्ज़ की: मालुम नहीं। फरमाया : कभी हमारे घर का खाना उसने खाया है? अर्ज़ की: ये भी मालुम नहीं। हुजूर गौसुस- कलेन Ghouse Pak रहमतुल्लाह आलेह ने फरमाया और जरा देर में सरे अक्दस उठाया, हैबती जलाल रुए अनवर से जाहिर था,
इरशाद फरमाया फिरिश्ते हम से ये कहते हैं की एक बार इसने हम को देखा था और दिल में नेक गुमान लाया था इस वजा से बख्श दिया गया। फिर जो उसकी कबर पर जा कर देखा तो मैय्यत की अंदर से आवाज़ आना बिलकुल बंद हो गई।
(गौस ए पाक के हालात, सफा 41-42)
5.बादलो पर भी गौसे आजम की हुक्मरानी
Gause a paak Pak ki_karamat_in_hindi

एक दिन मिंबर पर बैठे बयान फरमा रहे थे, की बारिश शुरू हो गई तो आप ने फरमाया में तो जमा करता हुआ और ए बादल तू मुतफारिक कर देता है। से बादल मजालिस से हट गया और मजलिस से बहार बरसने लगा, रावी कहते हैं की अल्लाह की कसम हजरत शेख अब्दुल कादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलेह का कलाम अभी पूरा नहीं हुआ था की, बरिश हम पर से बरसना बंद हो गई और हमारे दाए ए बरसने लगी थी और हम पर नहीं बरसती थी।
(गौस पाक के हालात, सफह 51 )
6.आँख की रोशनी और मुर्दो को जिंदा करना
gause-a-paak Pak ki karamat in hindi

हजरत शेख बरगुजिदा अबुल हसन कारशी फरमाते हैं। मैं और शेख अबुल हसन अली बिन हैती हजरत शेख मुद्दीन अब्दुल कादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलेह की खिदमत में उनके मदरसे में मौजूद था,तो उनके पास अबू गालिब फजलुल्लाह बिन इस्माइल बगदादी अजी सौदागर हज़ीर हुआ वो आप से अर्ज़ करने लगा की । ए मेरे सरदार! आप के जद्दे अमजद हुजुरे पुर-नूर का फरमाने जीशान हैं की “जो शक दावत में बुलाया जाए उस की दावत कबुल करनी चाहिए। मैं हजीर हुआ हू की, आप मेरे घर दावत पर तशरीफ लाए । आप ने फरमाया अगर मुझे इज्जत मिली तो मैं आउंगा।
फिर कुछ देर बाद आप ने मुस्कुरा कर के फरमाया हा आउंगा। फ़िर आप हज़रत गौस पाक Gause Pak अपने खच्चर पर सुवर हुए, शेख अली ने आप की दाई रिकाब पकड़ी और मैंने बाई रिकाब थामी और जब उसके घर में हम ऐ आए देखा तो हम ने बगदाद के मसाईका, उल्मा और मुअज्जिन जमा हैं, दस्तर ख़्वान बिछाया गया जिसमे तमाम शिरी और तुर्श (महेमान) खाने के लिए मौजुद थे और एक बड़ा संदुक लाया गया जो सर बी मोहर था, दो आदमी उसे उठाए हुए थे, दस्तरखान के एक तरफ रख दिया गया . अबू गालिब ने कहा इज़ाज़त हैं।Gaus Paak Pak Ki Karamat
उश वक़्त हज़रत शेख मुहिय्युदीन अब्दुल कादिर जिलानी रहमतुल्ला अलेह मुरकबे में और आप ने खाना नखया न ही खाने की इज़ाज़त दी। आप Gaus paak रहमतुल्लाह अलेह ने खाने की इज़ाज़त न दी, किसी ने भी खाना ना खाया, आप की हैबत के सबब मजलिस वालो का हाल ऐसा था की गोया उनके सरो पर परिंदे बैठा है, फिर आप ने शेख अली की तरफ इशारा करते हुए फरमाया की वो संदूक उठा लाए। हम उठे और उसे उठाया वो वजनी था, हमने संदुक को गौस आज़म Gause Azam के सामने ला कर रख दिया। Hazrat Ghous Pak ने हुकुम दिया की संदूक को खोला जाए। हमने खोला तो उसमे अबू गालिब का लड़का मौजुद था जो मादर जाद अंधा था तो गाँस आजम Hazrat Ghous Pak ने उसे कहा खड़ा हो जा।
Gaus Paak Pak Ki Karamat
हमने देखा की गोस आजम Gause Azam के कहने की देर थी की लड़का दौड़ ने लगा और बिना भी हो गया और एसा हो गया की कभी बिमारी में मुबतला नहीं था, ये देख कर मजलिस में शोर बरपा हो गया और गौसे आजम Gause Azam इसी हलत में बहार निकल आए और कुछ ना खाया | इसके बाद में शेख अबू साद खिदमत में हजीर हुआ और ये हाल बयान किया तो उनहोने कहा की हजरत शेख अब्दुल कादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह अंधे और बरस वालो को अच्छा करते हैं खुदा के हुकुम से मुर्दा जिंदा करते हैं।
(गौस पाक के हालात, सफह 50) Gaus Paak Pak Ki Karamat
gaus pak ki naat lyrics गौस पाक नात शरीफ
Ghause Azam Mera Peer naat lyrics गौसे आज़म मेरा पीर नात
Gaus ka karam, Gaus ki ata naat गौस का करम, गौस की अता नात शरीफ
Gaus-e-aazam jeelaani naat lyrics गौस-ए-आज़म जीलानी नात शरीफ
Kya shaan hai teri salle-‘ala ya abdul qaadir jeelaani naat lyrics नात शरीफ
Gaus-ul-aazam dast-geer naat lyrics गौस-उल-आज़म दस्तगीर नात शरीफ
Ya Jeelani Shainillah naat lyrics या जिलानी शैअन- लिल्लाह नात शरीफ
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KHuda ke fazl se ham par hai saaya Gaus-e- aazam ka naat गौस-ए-आज़म नात शरीफ
सरकार-ए-गौस-ए-आज़म नात Sarkaar-e-Gaus-e-aazam naat lyrics
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waah kya martaba, ai Gaus hai baala tera naat lyrics मर्तबा ऐ गौस है बाला तेरा
shah-e-Gaus-ul-wara naat lyrics शह-ए-गौस-उल-वरा नात शरीफ
सुबह-ए-शब-ए-विलादत | subh-e-shab-e-wilaadat lyrics
सरकार आ रहे हैं , नात शरीफ | sarkaar aa rahe hai lyrics
NAAT | sahara chahiye sarkar zindagi ke liye lyrics
Barwein Ka Chand Aaya naat | बारवी का चाँद आया
Naat | aye khatm-e-rusool naat sharif |अये खत्मे रसूल lyrics
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नूर वाला आया है, नूर ले कर आया है नात शरीफ noor waala aaya hai, noor le kar aaya hai NAAT LYRICS