Fatiha ka tarika in Hindi | फातिहा करने का आसान तरीका
अस्लामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि बरकाताहु आज हम Fatiha ka tarika in Hindi | फातिहा करने का आसान तरीका सीखेंगे जो हर कोई आसानी से इसे पड़ कर फातिहा दे सकता है। हुजूर करीम सलल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया तुम लोग कुराने पाक की तिलावत करके फातिहा दिया करो किवकी इसमें भलाई और बक्शीश का जरिया है । आज हम फातिहा के बहोत सी बाते सीखेंगे ।
Fatiha ka tarika । फातिहा का तरीका
Fatiha ka tarika in Hindi | फातिहा करने का आसान तरीका इन हिंदी
फ़ातिहा fatiha देने का यह तरीका है कि पहले पाक जगह पर बा-वुजू मुसल्ल्ला बिछा कर किब्ला रूख बैठें, और जिस चीज़ पर फ़ातिहा देना हो उसको सामने रखें, अगर वह चीज़ ढकी हो तो उसको खोल दें, और एक बर्तन में पानी भी रखें, लोबान या अगरबत्ती सुलगाएं और नीचे लिखे हुए तरीके के मुताबिक फातिहा दें ।
फातिहा एक ईसाले सावाब का जरिया है जो हम कुराने पाक, दरूद शरीफ, सुरते , पड़ कर देते है और भी बहोत सी तिलावते होती है आइए हम आपको तरतीब के साथ बताते है।
Wazu ka tarika (2023) | जाने वजू का सही तरीका
सबसे पहले तीन मर्तबा दरूद शरीफ पढे
बिस्मिल्ला हीर रहीमानिर रहीम
- अल्ला हुमा सल्ले अल्ला सैयादना
- मौलाना मोहमदिव वा आला
- आले सैयदना मौलाना मोहमदीन
- वा बारीक वसलीम ( आप कोई भी दरूद शरीफ पड़ सकते है )
सूरह काफेरून एक बार पढ़े surah kafirun
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
- कुल या हय्युल काफिरून
- ला- आअबुदु मा तअबुदुन
- वला अन्तुम आंबिदु-न मा अबुद
- वला अना आबिदुम माअबुत तुम
- वला अनतुम आबिदु-न मा आबुद लकुम दी नुकुम वल- यदीन
सूरह इखलास पढ़े (ये सूरह तीन मर्तबा पढ़े)Surah ikhlas
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
- कुल हुवल लाहू अहद
- अल्लाहुस समद
- लम यलिद वलम यूलद
- वलम यकूल लहू कुफुवन अहद
सूरह फलक (एक बार पढ़े ) Surah falaq
बिस्मिल्लाह – हिर्रहमान-निर्रहीम
- कुल अऊजु बिरब्बिल फलक
- मिन शर रिमा ख़लक़
- वामिन शर रिग़ासिकिन इज़ा वकब
- वमन शर रिन नफ़फ़ासाति फ़िल उक़द
- वमिन शर रिहासिदिन इज़ा हसद
सूरह नास पढ़े (एक बार पढ़े )surah nas
बिस्मिल्लाह – हिर्रहमान-निर्रहीम
- कुल अऊजु बिरब्बिन नास
- मालेकिन नास
- इलाहीन नास
- मन शर रिल वसवा सिल खन्नास
- अल्लज़ी युवस विसु फी सुदूरिन ना
- मिनल जिन्नति वन नास
सूरह फातिहा पढ़े (एक बार ) surah fatiha
बिस्मिल्लाह- हिर्रहमान-निर्रहीम
- अल्हम्दु लिल लाहि रब्बिल आलमीन
- अर रहमा निर रहीम
- मालिकि यौमिद्दीन
- इय याका नअ’बुदु व इय्याका नस्तईन
- इहदिनस् सिरातल मुस्तकीम
- सिरातल लज़ीना अन अमता अलय हिम
- गैरिल मग़दूबी अलय हिम् व लद दाललीन (आमीन)
अलिफ लाम मीम का सूरह पढ़े (एक बार)alif laam meem
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
- अलिफ्-लाम्-मीम्
- जालिकल्-किताबु ला रै-ब फ़ीहि हुदल्लिल्-मुत्तकीन
- अल्लज़ी-न युअमिनू-न बिल-गैबि व युक़ीमूनस्सला-त व मिम्मा र-ज़क़्नाहुम् युन्फिकून
- वल्लज़ी-न युअ्मिनू-न बिमा उन्ज़ि-ल इलै-क वमा उन्जि-ल मिन् कब्लि-क व बिल्-आखि-रति हुम् यूकिनून
- उलाइ-क अला हुदम्-मिर्रब्बिहिम् व उलाइ-क हुमुल्-मुफ़लिहून
- इन्नल्लज़ी-न क-फरू सवाउन् अलैहिम् अ-अन्जर-तहुम् अम् लम् तुन्जिरहुम ला युअमिनून
- ख-तमल्लाहु अला कुलूबिहिम् व अला सम्अिहिम् व अला अब्सारिहिम् गिशा-वतुंव-व लहुम् अज़ाबुन् अज़ीम
आयतल कुर्सी पढ़े (एक बार )aayatal kursi
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
- अल्लाहु लॉ इलाहा इल्लल्लाहु वल हय्युल कय्युम
- ला तअ ख़ुजू सी-न तुन वलॉ नऊम लहू मा फीस्समावाति व मा फिल अरदी
- मन जल लजी यशफऊ इन्दहू इल्ला बिइज़निह यअलमु मा बय-न अयदी हिम
- वमा खलफ हुम वला युहितूना बिशयइन मिन इल्मिही इल्ला बिमा शाअ
- वसीआ कुरसिय्यु हुस्समावाति वल अरज वला यऊदुहू हिफ़जुहुमा वहुवल अलिय्युल अज़ीम ।
आमना रसूल पढ़े (एक बार )amna rasul
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
- आमनर रसूलु बिमा उनज़िला इलयहि मिर रब्बिही वल मुमिनून
- कुल्लुन आम-न बिल्लाही व मलॉयकतिही व कुतुबिही व रसूलिही लॉ नुफ़र्रिकू बय-न अहदी हिम मिर रसूलीहि
- व कालू समझना व अतअना गुफ़ा-न का रब्बना व इलयकल मसीर,
- ला युकल्लीफुल्लाहु नफ़सन इल्ला वुस्अहा लहा मा क-स-बत व अलयहा मक तस—बत रब्बना ला तुआखिज़ना इन्नसीना
- अव अख्तअना रब्बना वला तहमिल अलयना इसरन कमा हमलतहू अलल लज़ी-न
- मिन कबलिना रब्बना वला तुहम्मिलना माला ताक़-त लना बिह वअफु अन्ना
- वग फिरलना वर हमना अन-मवलाना फन्सुरना अलल कवमिल काफ़िरीन ।
fatiha ka tarika hindi
ये आयत पढ़े
व इला हुकुम इलाहूँ वाहिदुल्ला इला–ह इल्ला हुवर-रहमानु रहीम
फिर दुआ के लिए हात उठाए (अल फातिहा ) dua fatiha
सभी हजरात ने धीरे से 3 बार सूरह इखलास और 1 बार सूरह फातिहा पढ़े फिर दुआ करे।
“इलाही जो कुछ मैंने पढ़ा इसका सवाब व तूफैले रूह पुर फतहू सरवरे काएनात मुहम्मदुर रसूलुल्लाह स० अ० व०, तमाम अम्बिया अलै0 व तमाम औलिया अिज़ाम और मेरे अजदाद व वालिदैन और उस्ताद व अहबाब की अरवाह और खुसूसन (जिसको फ़ातिहा बख़्शना हो उसका नाम लें) और उनके हक मैं दुआ करे और अल्लाह पाक से उनके दर्जात बुलंदी के लिए और उनकी मगफिरत के लिए हुजूर पाक सल्लालाहो अलैहि वसल्लम के वसीले से दुआ करे बेशक अल्लाह रहिमो करीम है अपने बंदों के दिलो के हाल बेहतर जनता है दुआ जरूर काबुल होंगी ।
(याद रखिए की अल्लाह बंद लबों की बोलियां भी जनता है और बंदे के दिलो के हाल से भी अल्लाह वाकिफ है इसलिए अगर जबान से दुआ न मांग पाओ तो दिल मैं अपने लफ्जो मैं दुआ मांग लो अल्लाह ओ भी सुनता है। )
फातिहा के कुछ हुकूक।
- जहा फातिहा fatiha देनी हो ओ जगह साफ और पाक होनी चाहिए।
- पहले बा वजू होकर क़िबला रुख होकर बैठ जाए।
- मुसल्ल्ला बिछाए और दस्तर खान बिछा कर नजरो नियाज़ रख ले ।
- जो भी लोग फातिहा fatiha मैं शिरकत फरमाएंगे बेहतर है की ओ भी पाक और साफ हो और बा वजू हो ।
- हादिसो मे आता है की फातिहा देते समय कुछ नियाज जरूर रख ले सामने (जैसे की कुछ मीठा या खाने का बर्तन )
- कुरान पाक की तिलावत करना जरूरी है ।
- जब हम नजरो नियाज़ रखते है तो उसमे सिर्फ हलाल चीजे ही रखी जाए।
फातिहा किस किस मौके पे दी जाती है।
फातिहा का मतलब है की अल्लाह को याद करना ,कुरान पाक की तिलावत करना और सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के वसीले से अपने या अपनो के हक मैं दुआ करना।
- जब हमे किसी चीज से खुशी मिलती है तो हम अल्लाह ने दी हुवी इस ख़ुशी के एवज हम शुक्राने की नमाज़ और fatiha दिला सकते है ।
- वालीदेंन की याद मे उनके इसाले सावाब के लिए फातिहा दे सकते है।
- बुजुर्गाने दिन के उर्स शरीफ या उनके याद मे हम फातिहा fatiha खानी और मिस्कीनों को खाना खिला सकते है ।
- इस्लाम मे कुछ बहोत खास राते बताई गई है उन खास रातो मे हम अल्लाह से अपने गुनाहो की मगफिरत के लिए फातिहा दे सकते है ( जैसे की शबे मेराज , शबे कद्र, रमजान शरीफ की राते जो तीसरे हिस्से मे आती है ।
- कब्रों पर जाके हम अल्लाह ताला से उनके मगफिरत के लिए दुआ और फातिहा दे सकते है । अल्लाह ताला फरमाता है की कब्रों पर जाया करो किवकी ओ तुम्हारे लिए इबरत की जगह और आख़िरत की याद दिलाती है ।
HADEES IN HINDI
- नबीये करीम सलल्लाहो अलैहि वसल्लम फरमाते है की तुम लोग दुआ माँगा करो किवकी दुआ तुम्हे नफा ( फ़ायद ) पहुँचाती है और उन बालाओ को टालती है जो तुम पर नाजिल हुवी है और नाजिल होने वाली है । सुभानअल्लाह
- जो शख्स हर जुम्मा को अपने वालिदैन की कब्रों पर जाकर उन्हें याद करता है और उनके हक़ मे दुआ करता है तो रब करीम फरमाता है की कभी उसके घर बे बरकाती नहीं होंगी और उसके और उसके वालिदैन की गुनाहो को माफ़ कर दिया जायेगा।
FAQs
- हाजरीन क्रम फातिहा का तरीका ऐसे है की
- सबसे पहले बावुजू क़िबला रुख होकर बैठ जाए
- मुसल्ल्ला बिछाए और दस्तर खान बिछा कर नजरो नियाज़ रख ले ।
- इसके बाद जिस भी तबर्रुक (खाने की चीज) पर नियाज या फातिहा देना चाहते है।
- उस तबर्रुक यानी खाने की चीज को सामने रखे।
- फातिहा देने से पहले खुशबू कर दें।
- सूरह फातिहा
- सूरह काफिरून
- सूरह इखलास
- सूरह फलक
- सूरह नास
- सूरह बकरह का कुछ हिस्सा पढ़ा जाता है
- वैसे हम करने पाक की कोई भी सुरते पढ़ सकते है पर ये कुछ ख़ास सुरते है जो फातिहा मे पढ़ी जाती है
अल्लाह हमें सही समज कर फातिहा fatiha देने की तौफीक अत फरमाए
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