Dua E Qunoot | दुआ ए कुनूत हिंदी में
अस्सलाम अलैकुम व रहमतुल्लाह व बरकातहू आज हम दुआ ए कुनूत के बारे मे (Dua E Qunoot in Hindi) पूरी मालूमात जानेंगे कि दुआ ए क़ुनूत का तर्जुमा , कब ये दुआ पढ़ी जाती है , दुआ ए कुनूत के फायदे और तफ़्सीर भी हम आपको बताएँगे इंशाअल्लाह आप जरूर पूरी मालूमात लेंगे .है चलिए जानते हैं, Dua Qunoot in Hindi के बारे मे।
Dua E Qunoot क्या हैं
तो दोस्तों दुआ-ए-क़ुनूत (Dua e Qunoot) एक दुआ है बाकी दुआ की तरह, इस दुआ को ईशा की वित्र नमाज़ में पढ़ी जाती है, और वित्र की तीसरी रकात में सूरह फातिहा और सौराह इखलास पढने के बाद पढ़ा जाता है, और यह दुआ वित्र की नमाज़ मे पढ़नी वाजिब है, ये दुआ कैसे पढ़ी जाती है ये आपको आसान तरीके मे आपको निचे बताई गई है ।
Dua Qunoot In Hindi | दुआ ए कुनूत हिंदी में
किसी भी दुआ को पढ़ने से पहले अऊज़ुबिल्लाही मिनाश शैतानिर्रजिम बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़े उसके बाद ही दुआ पढ़े। ( बेशक जो काम अल्लाह के नाम से शुरू किया जाता है उसमे बे शुमार रहमतये और बरकते है ।)
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- अल्ला हुम्मा इन्ना नस्ता ईनु क व नास्तगफिरुका व नु’अ मिनु बिका व नतावक्कलु अलाइका वा नुस्नी अलैकल खैर
- व नशकुरुक वला नकफुरुका व नख्लऊ व नतरुकु मैंय्यफ-जुरूक
- अल्ला हुम्मा इय्याका नअबुदु व लका नुसल्ली व नस्जुदु व इलैका नस्आ
- व नहफिज़ु व नरजू रहमतका व नख्शा अज़ाबका इन्ना अज़ाबका बिल क़ुफ़्फ़ारि मुलहिक़।

dua e qunoot in english | दुआ ए कुनूत इंग्लिश मे
dua qunoot
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- Allah Humma Inna Nasta eeno ka Wa Nastagh firuka Wa Nu minu Bika Wa Nata Wakkalu Alaika Wa Nusni Alaikal Khair
- Wa Nashkuruka Wala Nakfuruka Wa Nakhla-oo Wa Natruku Mainyyaph-Jurook
- Allah Humma Iyaka Nabudu Walaka Nusalli Wa Nasjud Wa Ilaika Nas Aa
- Wa Nah fizu Wa Narju Rahma Taka Wa Nakhshaa Azaa baka Inna Azaa baka Bil Kuffari Mulhikk.

Dua e Qunoot in Arabic |दुआ ए कुनूत अरबी में
دعاء القنوت بالعربية
اَللَّهُمَّ إنا نَسْتَعِينُكَ وَنَسْتَغْفِرُكَ وَنُؤْمِنُ بِكَ وَنَتَوَكَّلُ عَلَيْكَ وَنُثْنِئْ عَلَيْكَ الخَيْرَ وَنَشْكُرُكَ وَلَا نَكْفُرُكَ وَنَخْلَعُ وَنَتْرُكُ مَنْ ئَّفْجُرُكَ اَللَّهُمَّ
إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَلَكَ نُصَلِّئ وَنَسْجُدُ وَإِلَيْكَ نَسْعأئ وَنَحْفِدُ وَنَرْجُو. رَحْمَتَكَ وَنَخْشآئ عَذَابَكَ إِنَّ عَذَابَكَ بِالكُفَّارِ مُلْحَقٌ

Dua e Qunoot Tarjuma in Hindi
आइये हम आपको दुआ ए कुनूत तर्जुमा बताते है अल्लाह अज्जावजल आप को और हमें इसका सवाब अता फरमाए और हमें दुआ और क़ुरआने पाक समझ कर पढने की तौफीक अता फरमाए ।
नमाज़ की सूरह हिंदी में | Namaz ki Surah in hindi
तर्जुमा – ऐ अल्लाह, हम तुझ से मदद चाहते हैं ! और तूझ से माफी मांगते हैं तुझ पर ईमान रखते हैं और तुझ पर भरोसा करते हैं ! और तेरी बहुत अच्छी तारीफ करते हैं और तेरा शुक्र करते हैं।
और तेरी ना सुकरी नहीं करते और अलग करते हैं और छोड़ते हैं, इस शख्स को जो तेरी नाफरमानी करें।
ऐ अल्लाह, हम तेरी ही इबादत करते हैं और तेरे लिए ही नमाज़ पढ़ते हैं और सजदा करते हैं और तेरी तरफ दौड़ते और झपटते हैं।
और तेरी रहमत के उम्मीदवार हैं और तेरे आजाब़ से डरते हैं, बेशक तेरा आजाब़ काफिरों को पहुंचने वाला है।
दुआ ए क़ुनूत पढ़ने के फायदे | Dua E Qunoot Ke Fayde
इस दुआ में अल्लाह ताला का हमें क़ुर्ब हासिल होता है , अल्लाह पाक ने इस दुआ के पढ़ने के और सुनाने के बे शुमार रहते बताई है
हुजूर सलल्लाहो अलैहि वसलम भी अक्सर ये दुआ पढ़ा करते थे और अल्लाह से दुआ माँगा करते थे । दुआ ए कुनूत पढ़ना हुजूर की भी सुन्नत है , और जिस नमाज़ मई ये दुआ पढ़ी जाती है उस नमाज़ का भी पड़ना हुजूर सलल्लाहो अलैहि वसलम की सुनात है । अल्लाह हमें नमाज़ पढ़ने की तौफीक आता फरमाए ।
1. दुआ ए कुनूत ईशा के वित्र नमाज़ मे पढ़ने से उस शक्श के घरमे बरकते नाज़िल होती है । और उस घर मे कभी बे बरकाती नहीं होती ।
2. हुजूर ने फ़रमाया की जो शख्स दुआ ए कुनूत तन्हाई ( अकेले मे ) पढ़ेगा और अल्लाह पाक से दुआ मांगेगा तो ओ शक्श अपने पूरी जिंदगी मे कभी भी बड़ी बीमारी मे मुब्तला नहीं होंगे ।
कई बीमारियां ऐसी होती हैं, जो पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं लेती, ऐसी बीमारियां होने पर आपको यह दुआ (Dua Qunut) जरूर पढ़नी चाहिए।
3. दुआ ए कुनूत हिंदी में अगर हम ईशा के नमाज़ के बाद ये दुआ पढ़ कर सो जाते है तो अल्लाह फरमाता है की सुबह सादिक तक तुम्हारे नामे आमाल मे 2 फ़रिश्ते सवाब लिखते रहते है ।
4. अगर हम रोजाना Dua E Qunoot सुबह फजर के नमाज़ के बाद ये दुआ पढ़ते है तो अल्लाह हमें गायब से रिज़्क़ अता फरमाता है । जहा से हमें गुमान भी नहीं रहता है वह से अल्लाह हमें रिज़्क़ अता फरमाता है ।
5. हदीसो मे पाया गया है की जिस किसी के भी घरमे कोई बीमार हो और शिफा न पा रहा हो तो dua qunoot 21 दिन तक इस घर मे पढ़ा जाये और मरीज़ पर दम किया जाये तो अल्लाह जल्द से जल्द उस शख्स को शिफा अता फरमाएगा । सुभान अल्लाह
दुआए क़ुनूत याद नहीं हो तो क्या पढ़े ?
अगर किसी को दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunoot Hindi Mein ) याद नही हो तो जल्द से जल्द याद करने की कोशिश करना चाहिए,
और जब तक याद न हो जाए तब तक दुआए क़ुनूत की जगह ये दुआ पढ़ना चाहिए
लेकिन ये बात गौर करने की है कि अगर आपको दुआ कुनूत याद नहीं है और आपको पता है कि वित्र की नमाज़ में यह दुआ पढ़ी जातीहै तो आपको चाहिए की dua qunoot जल्द से जल्द याद करले
हिन्दी में : – रब्बना आतिना फिद दुनिया हसनतव वफिल आखिरति हसनतव वकिना अज़ाबन नार
तर्जुमा- ऐ हमारे रब्ब हमें दुनिया में नेकी और आख़िरत में भी नेकी दे और हमें दोज़ख ले अज़ाब से बचा।
HADEES IN HINDI
नबी करीम सलल्लाहो अलैहि वसलम ने इरशाद फ़रमाया की तुम मे से कोई शक्श उस वक्त ता कामिल ईमान वाला नहीं हो सकता जबतक अपने मुस्लमान भाई के लिए वही पसंद न करे जो अपने लिए पसंद करे । ( अल्लाहुअक्बर )
FAQs
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दुआए क़ुनूत भूल गए तो क्या नमाज़ होगी ?
अगर आप वित्र की तीसरी रकअत में दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunoot ) पढ़ना भूल जाते हैं, तो आपको सजदए सहव करना पड़ेगा।
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कब पढ़ी जाती है दुआए क़ुनूत?
ईशा के नमाज़ जब वित्र वाज़िब नमाज़ पढ़ते है तब दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunoot ) पढ़ी जाती है।
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दुआए क़ुनूत याद नहीं हो तो क्या पढ़े ?
अगर किसी को दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunoot Hindi Mein ) याद नही हो तो जल्द से जल्द याद करने की कोशिश करना चाहिए,
आतिना फिद दुनिया हसनतव वफिल आखिरति हसनतव वकिना अज़ाबन नार ये ये दुआ पढ़े ।
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